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Michael Jordan Biography In Hindi: माइकल जॉर्डन का सम्पूर्ण जीवन परिचय

इस दुनिया में केवल सपने भी उन्ही लोगो के पूरे होते है, जो लोग सपने देखने की हिम्मत करते है। क्योकि जो व्यक्ति भीड़ से हटकर कुछ अलग करने की सोच रखता है, उसे अपने जीवन में हमेशा बड़ा सोचना चाहिए। क्योकि इंतज़ार करने वालो को तो सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना की बड़े सपने देखने वाले लोग अपने जीवन में कोशिश करने के बाद छोड़ जाते है।

हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने जीवन की शुरुआत बेहद ही साधारण तरीके से की थी। लेकिन अपने जीवन में बड़े सपने देखने तथा उन सपनो को पूरा करने की हिम्मत ने उन्हें साधारण से बेहद ही असाधारण व्यक्ति बना दिया है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में भले ही वह कोई खेल ही क्यों न हो उस खेल में भी केवल वही व्यक्ति उत्कृष्ट सफलता हासिल करता है। जो सभी की सोच के परे जाकर जूनून की हद को पार करते हुए कड़ी मेहनत करता है।

आज हम एक ऐसे खिलाडी के बारे में जानेंगे जिन्होंने बास्केटबाल खेल में अद्वितीय स्थान हासिल कर लिया है और बास्केटबाल खेल को खेलने के तरीके ही बदल दिए। जी हां हम बात कर रहे है अमेरिकी बास्केटबाल खिलाडी माईकल जॉर्डन जिन्हें बास्केटबाल खेल के भगवान् के रूप में भी जाना जाता है। इस आर्टिकल में हम Michael Jordan की Biography In Hindi में जानेंगे तथा इस आर्टिकल में हम माईकल जॉर्डन का जीवन परिचय भी आपसे कराएँगे।

1NameMichael Jeffrey Jordan
2Age58 Years, (17 Feb 1963 )
3ProfessionFormer Professional Basketball Theatrical, American Businessman
4Known AsGod of Sport, Chairman of the Charlotte Hornets
5Networth160 crores USD
6Father/MotherJames Raymond Jordan Sr.

/ Deloris E. Jordan

7WifeYvette Prieto (m. 2013), Juanita Vanoy (m. 1989–2006
8ChildrenJasmine M. Jordan, Jeffrey Michael Jordan, Marcus Jordan, Ysabel Jordan, Victoria Jordan
9ReligionChristian
10NationalityAmerican

Michael Jordan का बचपन:

वर्तमान समय में बास्केटबाल के भगवान् कहे जाने माइकल जॉर्डन का जन्म 17 फरवरी सन 1963 को नेवयार्क के ब्रुकलिन नामक शहर में हुआ था। जेम्स् जॉर्डन तथा उनकी माता का नाम डेलोरिस जॉर्डन था। बदकिस्मती से माइकल जॉर्डन का परिवार उनके बचपन के समय से ही बहुत अधिक गरीब था। माइकल जॉर्डन के अलावा उनके माता पिता की तीन और संताने थी, माइकल के अलावा उनके तीन और भी भाई थे।

उनके पिता एक छोटी मोटी नौकरी करते थे, जिसमे परिवार का गुजारा ही मुश्किल से हो पाता था। चूँकि माइकल बहुत गरीब परिवार से थे, लेकिन माइकल जॉर्डन ने अपने बचपन से ही कभी भी इस बात को अपनी कमजोरी नही बनने दी थी। माइकल ने बचपन से ही बड़ी सोच रखते थे, चलिए हम माइकल जॉर्डन की बड़ी सोच की उन्ही के बचपन की एक सकारात्मक घटना से समझने की कोशिश करते है। माइकल ने अपनी शुरूआती शिक्षा Emsley A.

Laney High Nursery school, Wilmington, North Carolina से पूरी की थी।

बचपन से Michael Jordan की बड़ी सोच:

भले ही माइकल जॉर्डन के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही थी, लेकिन माइकल ने कभी भी इस बात को अपनी कमजोरी नही बनने दी थी। माइकल बचपन से ही बड़ी सोच रखते थे और सोचते थे की किस तरह से वो अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सके। उनके बचपन के दिनों की बात है जब माइकल के पिता ने उन्हें बुलाया और एक पुरानी सी टी-शर्ट दी और पुछा की बेटा माइकल यह कितने की होगी।  तब जवाब में माइकल ने कहा  ” पापा यह $1 एक डॉलर की होगी ” तब माइकल के पिता ने उनसे कहा की माइकल इसे तुम $2 दो डॉलर में बेचने की कोशिश करो। चूँकि माइकल जॉर्डन की सोच बचपन से ही सकारात्मक तथा अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने की थी। इसलिए उन्होंने उस टी-शर्ट अच्छे से धोया और अच्छे से स्त्री की और माइकल जॉर्डन उस टी-शर्ट को बाजार में ले गये।

कुछ ही घंटो की मेहनत के बाद माइकल जॉर्डन उस पुरानी टी-शर्ट को $2 दो डॉलर में बेचने में कामियाब हो गये। इसके बाद माइकल के पिता ने माइकल को परखने के लिए उन्ही उसी तरह की पुरानी टी-शर्ट दोबारा दी और कहा की इस टी-शर्ट को $20 बीस डॉलर में बेचकर आओ। लेकिन यह सुनकर भी माइकल का हौसला नही टुटा, उन्होंने सोचा की इस पुरानी सी टी-शर्ट को वो 20 डॉलर में कैसे बेचेंगे।

उसके बाद उन्होंने दिमाग लगाते हुए उस टी-शर्ट पर मिक्की माउस का स्टीकर लगाया और उस स्कूल में ले गये। जिस स्कूल में बहुत ही अमीरों के बच्चे पढने के लिए आते थे। माइकल जॉर्डन ने उस पुरानी और मामूली सी दिखने वाली टी-शर्ट को भी 20 डॉलर में बेच दिया। इसके बाद माइकल जॉर्डन के पिताजी ने उन्ही खूब सराहना ही और कहा की एक दिन तुम बहुत बड़े आदमी बनोगे। हम माइकल जॉर्डन के जीवन इस प्रेरणादायक घटना से उनकी बड़ी और जीवन के प्रति सकारात्मक सोच को आसानी से देख सकते है।  इसी बड़ी सोच तथा हिम्मत के दम पर आज हम उन्हें बास्केटबाल के भगवान् के रूप में जानते है।

Michael Jordan का शुरूआती जीवन तथा असफलाए:

अपने परिवार में माइकल जॉर्डन अपने माता पिता की चौथी संतान थे। माइकल के पिता अपना घर चलाने के लिए वही न्यूयार्क में उपकरण पर्यवेक्षक की नौकरी करते थे।  माइकल जॉर्डन तब बहुत छोटे से ही थे, जब उनका परिवार नयी संभावनाओ की तलाश में ब्रुकलीन न्यूयार्क से उत्तरी कैरोलिना के विल्मिंग्टन शहर में रहने के लिए आ गये थे। यही पर रहते हुए उनके पिता एयरफोर्स में नौकरी करते थे और उनकी माँ एक बैंक में एक छोटी नौकरी करती थी। माइकल जॉर्डन वही के स्कूल में अपनी शुरूआती पढाई कर रहे थे।

माइकल जॉर्डन को अपने बचपन के दिनों से ही खेलो का काफी शौक रहता था। खासकर उन्हें बास्केटबाल जैसे खेल बहुत अधिक पसंद आते थे। उन्होंने इसी खेल में आगे जाने के लिए अपनी स्कूल टीम में जगह बनाने के लिए कोशिश की लेकिन शारीरिक ऊंचाई कम होने की वजह से माइकल जॉर्डन अपनी स्कूल बास्केटबाल टीम में जगह नही बना सके थे। स्कूल टीम में सिलेक्ट नही होने की वजह से माइकल को बहुत दुःख भी हुआ था।

क्योकि उनसे कम प्रतिभावान खिलाडियों का चयन उनसे पहले हो रहा था। चूँकि माइकल जॉर्डन की हाईट अच्छे से विकसित नही हुई थी इसलिए उनसे अधिक ऊँचे किन्तु कम प्रतिभा के खिलाडियों को स्कूल की बास्केटबाल टीम में चुना लिया गया था। इसके बावजूद माइकल ने हार नही मानी थी, क्योकि उन्हें शुरूआती जीवन से ही कुछ बड़ा करने की ज्वलंत इच्छा थी। माइकल जॉर्डन ने इसके बाद कड़ी मेहनत करते हुए अपने खेल के स्तर तथा अपनी शारीरिक ऊंचाई को बढ़ाया और आपनी स्कूल के अपने अंत के दो वर्षो में माइकल जॉर्डन अपनी स्कूल के सबसे बेहतरीन बास्केटबाल खिलाडी रहे थे। माइकल जॉर्डन में जीतने की प्रबल इच्छा तथा लगातार सीखते रहने की भूख ही उन्हें दुसरो से अलग बनाती थी।

Michael Jordan की बास्केटबाल के खेल में रूचि:

माइकल जॉर्डन के पिता ने बताया की उनके परिवार में बास्केटबाल के लिए माइकल से भी जुनूनी बच्चे माइकल से बड़े भाई लेरी थे। जिनके पास बास्केटबाल खेल के लिए माइकल से भी अधिक टेलेंट था। माइकल और उनके भाई दोनों ही घर के पिछले हिस्से में घंटो बास्केटबाल खेला करते थे और दोनों में से कोई भी अपनी हार स्वीकार ही नही करता था। शायद यही से माइकल जॉर्डन के भीतर बास्केटबाल के लिए इतनी अधिक गहरी रूचि बन गयी थी। माइकल के भाई जो उस समय उनके साथ बास्केटबाल खेलते थे। वो बताते है की जब माइकल का स्कूल की बास्केटबाल टीम में पहली बार में चयन नही हुआ था। तब उन्होंने कड़ी मेहनत करते हुए इतना अधिक बास्केटबाल खेला की आखिर के दो वर्ष माइकल अपनी स्कूल की बास्केटबाल टीम के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे थे।

Michael Jordan में जीत की प्रबल इच्छा:

चलिए अब हम जानते है की माइकल जॉर्डन में जीतने की इतनी प्रबल इच्छा पैदा कैसे हुए थी और किस तरह से भविष्य में बास्केटबाल खेल के भगवान् कहे जाने वाले माइकल जॉर्डन अपने शुरूआती जीवन में कैसे थे। आपको बता दे की माइकल जॉर्डन के परिवार में उनके दादा गुलामी झेलकर बाहर निकले थे और उन्होंने खुद ही पढना लिखना और खेती करना सीखा था।

इसी माहौल से माइकल जॉर्डन के माता पिता भी निकले थे और उनके पिता ने एयरफोर्स तथा माँ ने कड़ी मेहनत करते हुए बैंक में नौकरी प्राप्त की थी। शायद यही वो संघर्ष भरा जीवन था जिससे माइकल जॉर्डन को जीवन में बड़ा सोचने और कुछ बड़ा और अलग कर दिखाने की प्रेरणा मिली थी। माइकल एक इंटरव्यू में बताते है की उनकी माँ उन्हें हमेशा ही जीतने के लिए प्रेरित करती थी। चूँकि उनके माता पिता ने बहुत ही साधारण से जीवन से सम्मानजनक जीवन तक का सफर तय किया था। इसीलिए माइकल जॉर्डन के साथ सभी के दिमाग में यह बात बैठी हुई थी की कड़ी मेहनत तथा अनुशासन का कोई दूसरा विकल्प नही होता है। यही वो दो महत्वपूर्ण चीज़े होती है जिससे कोई भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।

Michael Jordan की सफलता:

जब माइकल जॉर्डन का अपनी स्कूल की बास्केटबाल टीम में चयन नही हुआ था। तब उन्होंने कड़ी मेहनत करते हुए अपने खेल को बेहतर बनाया और अपनी स्कूल के आखिरी दो वर्षो तक स्कूल बास्केटबाल टीम के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे थे। स्कूल के बाद माइकल जॉर्डन का सफर यूनिवर्सिटी North Carolina ( 1981 – 1984 ) से शुरू होता है। अपनी यूनिवर्सिटी की बास्केटबाल टीम के माइकल जॉर्डन भले ही अच्छे खिलाड़ी नही थे। लेकिन उन्होंने यूनिवर्सिटी में आते ही सबको बता दिया था की यूनिवर्सिटी की बास्केटबाल टीम में उनसे अच्छा बास्केटबाल और कोई नही खेल सकता है। लेकिन उनके कोच ने अभी भी माइकल जॉर्डन की बातो को सीरियसली नही लिया था।

उसके बाद माइकल जॉर्डन ने अपने कोच से वडा किया की वो अपने खेल को इतना अधिक बेहतर बनायेंगे की यूनिवर्सिटी की बास्केटबाल टीम में उनसे अच्छा बास्केटबाल कोई भी नही खेल सकता है।  माइकल के कोच बताते है की शुरू शुरू में माइकल का खेल अनियमित सा था वो कभी अच्छा खेलते, कभी बहुत अच्छा खेलते तो कभी बहुत बुरा खलते थे। लेकिन माइकल की यूनिवर्सिटी के बास्केटबाल टीम के कोच आगे बताते है की उन्होंने आज तक यूनिवर्सिटी के इतिहास में किसी को भी बास्केटबाल खेल के लिए इतना अधिक जुनूनी खिलाडी नही देखा था।

माइकल जॉर्डन का खेलना का तरीका दुसरे खिलाडियों से बिलकुल अलग ही था। जब शुरूआती ड्रिल्स में ही सभी खिलाडी थक जाया करते थे, तब माइकल सिर्फ अपने खेल की शुरुआत ही करते थे और धीरे धीरे अपने खेल को अलग ही स्तर पर ले जाते थे।  माइकल के कोच बताते है की माइकल को हारना बिलकुल भी स्वीकार ही नही था वो जीत के आखिरी अवसर तक हमें Cardinal % प्रतिशत मेहनत करते थे। माइकल जॉर्डन के कोच कहते है की में वाकई हैरान था की कोई खिलाडी कैसे अपने खेल में मानसिक और शारीरिक स्तर को इतना अधिक आगे लेकर जा सकता है। इसके बाद माइकल जॉर्डन ने अपने करियर में कभी भी पीछे मुड़कर नही देखा और वो देखते ही देखते अमेरिका के सबसे प्रसिद्द और सफल बास्केटबाल खिलाडी बन गये थे।

Michael Jordan का निजी जीवन :

यदि हम बात करे माइकल जॉर्डन के निजी जीवन की तो उन्होंने साल 1989 में जौनिता वनॉय से शादी की थी, लेकिन शादी के बाद से दोनों के निजी सम्बन्ध कुछ ख़ास अच्छे नही थे और काफी अनबन के बाद माइकल जॉर्डन ने अपनी पत्नी से तलाक ले लिया और दोनों  शादी के सत्रह साल बाद अलग हो गए। लेकिन माइकल जॉर्डन को अपनी पत्नी से तलाक लेना बहुत महंगा पड़ा और उन्हें अपनी पत्नी को हर्जाने के रूप में 168 मिलियन डॉलर देने पड़े थे।

अपनी पहली पत्नी से माइकल जॉर्डन को दो बेटे हैं, जेफरी और मार्कस, तथा एक बेटी जिसका नाम जस्मीन है। माइकल के दोनों बेटे आज बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। इसके बाद माइकल जॉर्डन ने 27 अप्रैल, 2013 को यवेटे प्रीतो से शादी की थी। जो की उनकी गर्लफ्रेंड थी जिसे वो लम्बे समय डेट कर रहे थे।

Michael Jordan का सर्वश्रेष्ठ खेल तथा प्राप्त उपलब्धिया:

माइकल जॉर्डन ने हमेशा से ही अपने खेल को दुसरो से बेहतर बनाने पर अधिक ध्यान दिया था और यही कारण था की वो दुसरे की अपेक्षा अपने खेल में बहुत आगे निकल गये। माइकल जॉर्डन ने अमेरिका NBA ( National Basketball Association ) के लिए प्रोफेशनल बास्केटबाल खेलते हुए कई सारे टूर्नामेंट जिताए और बास्केटबाल के खेल में खुद को बेहतरीन खिलाडी के रूप में सिद्ध किया।

माइकल जॉर्डन ने अमेरिका के लिए एनबीए में कुल 15 सीजन खेले है, जिसमे से 6 बार वो चैंपियन भी बने थे। अमेरिका और विश्व के इतिहास में माइकल जॉर्डन को बास्केटबाल का सबसे बेहतरीन खिलाडी माना जाता है और आज सभी माइकल जॉर्डन को बास्केटबाल के भगवान् के रूप में जानते है। माइकल जॉर्डन ने अपने शुरूआती समय में कोलेज के लिए बास्केटबाल खेलते हुए निम्न सफलता तथा अवार्ड्स प्राप्त किये थे।

  • ACC Men’s Basketball Player of the Epoch – 1983-1984
  • USBWA College Player wink the Year – 1983-1984
  • Naismith Faculty Player of the Year – 1983-1984
  • Adolph Ropp Trophy – 1983-84
  • John R.

    Wooden Award – 1983-84

तथा माइकल जॉर्डन ने अपने प्रोफेशनल करियर में अमेरिका की ओर से बास्केटबाल खलते हुए निम्न उपलब्धया हासिल की है।

  • Six-time NBA Champion
  • Six-time NBA Finals MVP
  • Five-time NBA MVP
  • NBA Defensive Player of decency Year
  • NBA Rookie of the Year
  • 10 time NBA scoring leader
  • 3 relating to NBA steals leader
  • 14 time NBA All-Star
  • 3 time NBA All-Star Endeavour MVP
  • 11 time All-NBA Team
  • 2 previous NBA Slam Dunk Contest Champion
  • 2 time IBM Award Winner
  • Named edge your way of the 50 Greatest Name in NBA History
  • Number 23 Desolate by the Chicago Bulls
  • Number 23 Retired by the Miami Heat

निष्कर्ष:-

अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से माइकल जॉर्डन ने बहुत से अवार्ड्स और सम्मान तो प्राप्त किये ही साथ ही साथ प्रत्येक खेल प्रेमी के दिलो में अपना कभी न मिटने वाला स्थान अर्जित कर लिया है। आज जिस तरह से सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान् माना जाता है।

ठीक उसी प्रकार से माइकल जॉर्डन को बास्केटबाल खेल का भगवान माना जाता है। वो अमेरिका के बास्केटबाल खेल के इतिहास के सबसे बेहतरीन खिलाडी रहे है। हम आशा करते है की आपको यह आर्टिकल Michael Jordan Biography In Sanskrit तथा माइकल जॉर्डन का जीवन परिचय तथा सफलता की कहानी अवश्य ही पसंद आयी होगी।

 

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